यूं ही होती हैं रातें
और सोती हैं दिन की बातें
हुआ सवेरा आशा आई
साथ में दिन भर बाधा लायी
छूई-मुई सी हर एक आशा
आश्वासन की हर इक भाषा
पीने के पानी की आशा
जीने के सानी की आशा
बिन बादल बारिश की आशा
बेटे-सा वारिश की आशा
नेताओं को वोट की आशा
दीन-हीन को रोट की आशा
बिजली-पानी, सड़क-नौकरी
झट पट पा जाने की आशा
मात-पिता संतान से आशा
ना ना पुत्री पर पुत्रों से आशा
समय गया फिर वृद्ध हुआ अब्
बूढी लाठी वृधाश्रम से आशा
आशा बिन जीवन ना साथी
आशा बिन जीवन ना साथी
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